Sunita gupta

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कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा:-
         कार्तिक मास एवं भीष्म पंचक का अंतिम दिन ।आज की पूर्णिमा की रात्रि विशेष ,स्वचछ निर्मल आकाश में यदि चंद्रदेव शुभ्र धवल कांति के साथ ज्योतिर्मय प्रकाश की किरणों से सभी सताईस नक्षत्रों के साथ छटा बिखेर रहे थे । इधर  वृंदावन में श्री कृष्ण राधा एवं उनकी सभी सखी गोपिकाओं के साथ यमुना के तट पर बांसुरी की धुन पर नृत्य कर रहे थे । राधा कृष्ण उन सभी के के मध्य में थे चारों ओर से घेर कर गोपिकायें प्रसन्नता से आनंदित होकर नृत्य कर रही थी ।राधा-कृष्ण जुगल किशोर की यह छवि देख देवगण आकाश से चंद्र किरणों के साथ फूल वर्षा कर रहे थे । महादेव अपने को नहीं रोक सके और नारी का रूप धारण कर पूर्ण श्रृंगार करते हुये गोपी के वेष में उस नृत्य में सम्मिलित होगये जिसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित था।आज भी वह वृंदावन में गोपेश्वर के रूप में पूजे जाते हैं। श्रीकृष्ण ने उन्हें पहचान कर अपनी बांसुरी की धुन पर उनकी मनोकामना पूर्ण करते हुये 
उनके साथ नृत्य किया ।वह गोपिकायें और कोई नहीं वह ऋषि मुनि थे जो विष्णु जी के राम अवतार में वनवास के समय उनके सहायक थे पर सान्निध्य नहीं पा सके अपने इसी सान्निध्य की प्राप्ति के लिये उन्होंने कृष्णावतार में उनकी आल्हादिनी शक्ति की सखी बन कर जन्म लिया और राधा के साथ रहकर निरंतर उनके सान्निध्य में रह कर अपनी मनोकामना पूर्ण की ।
यह रासलीला ही तो ब्रह्म के जीव आत्मा का। एकाकार है जिसके पश्चात उसकी कोई इच्छा 
ही नही रह जाती पूर्णता का अहसास देता रास मंडल आल्हाद से परिपूरित जीव और ब्रह्म का एकाकार रूप मनोहारी दृश्य । 
    बंदऊ राधे युगल पद ,धरे श्याम की गोद ।
    राधे प्रेम कि रागिनी,बाजत जुगल किशोर ।।
कहते हैं राधा कृष्ण की गुरु थी जिन्होंने उन्हें जीवन में प्रेम का भी अपना स्थान है समझाया वह हेय नहीं वरन वह अभेद्य शक्ति है जो मानव मन में उमंगों को तरंगित कर उत्साह के उत्स झरती है ,उस के मन में दया का भाव जागृत कर 
सभी पर अपनी करुणा बरसाती है ।
।जै राधे राधे अपने श्याम से मिला दे,जिनकी कृपा बिना श्याम नहीं मिलते । धन्यवाद 
उषा सक्सेना
सुनीत

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8 Comments

Palak chopra

09-Nov-2022 03:56 PM

Shandar 🌸🙏

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Mithi . S

09-Nov-2022 11:27 AM

बेहतरीन रचना

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Khan

08-Nov-2022 11:32 PM

Bahut khoob 😊🌸

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